बेरोजगारी का भय नहीं सताएगा
नेताजी का गुण गाता जा प्यारे
वे भवसागर पार लगायेंगे
तुम्हें नोटों की गड्डी पर सुलायेंगे
तेरे दुःख दूर करने को घोटाला रचाएंगे
तिहाड़ में दिन बिताएंगे
पैसा पानी की तरह बहायेंगे
तेरी किस्मत चमकायेंगे
चुनाव जीतने पर क्षेत्र में झाँकने नहीं आएँगे
पर चमचों पर रहमत लुटाएँगे
तेरे माध्यम से वे शासन को चलाएंगे
उनकी चुनावी नैया पार लगाने को
तू दर- दर भटका जा प्यारे
यहीं वह वक्त है
तू बन जा नेताजी के आँखों का तारे
आपकी 'ष' की समस्या का हल हुआ,
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा.
अच्छी मजेदार प्रस्तुति है आपकी.
मकर सक्रांति की बधाई और शुभकामनाएँ.
hahaha....sahi kaha....aaj ki hakikat
जवाब देंहटाएंबहुत पसन्द आया
जवाब देंहटाएंहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
पसन्द आया ,हमें पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
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