मौकापरस्ती नहीं
ये पार्टी विद डिफरेंस है
नया राष्ट्र बनाने का यहीं सेंस है
समय के साथ बदलता पार्टी का वेश है
बाबु सिंह कुशवाहा के प्रति
लोगों में बेवजह रोष है
कुछ पार्टी नेताओं में भी जोश है
क्योंकि उनको परिणाम का नहीं होश है
विपक्षी पार्टियों के नैतिकता पर
दिए प्रवचनों से वे मदहोश हैं
उनमें कुछ आक्रोश है
लेकिन उत्तर प्रदेश में प्राप्त करना जनादेश है
इसलिए कुशवाहा का हो रहा गृहप्रवेश है
सार्थक और सामयिक पोस्ट,आभार.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अपना स्नेहाशीष प्रदान करें, आभारी होऊंगा.
वाह!...आपने हास्य द्वारा सच्चाई उजागर कर दी!....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह सामयिक व्यंग गोपाल जी बधाई
जवाब देंहटाएं