शनिवार, 12 मार्च 2011

बिजनेस किताबें अब कामिक्स के रूप में

बिना प्रशिक्षण की नहीं मिलेगी अब एमबीबीएस की डिग्री- यानी पहले मिलती थी।
बिजनेस किताबें अब कामिक्स के रूप में - नहीं होगी तो पढ़ेगा का कौन
पाक ने किया एटमी मिसाइल का परीक्षण- भारत को डराने के लिए नहीं देशवासियों को बहलाने के लिए।
ठेकेदार ने क्षात्रों से कराई मजदूरी- क्योंकि आड़े समय में यहीं काम आएगा।
प्रतिदिन 24 करोड़ लोग सोते हैं भूखे पेट- चलिए किसी भी क्षेत्र में रिकाॅर्ड तो बन रहा है न।
प्रचार्य गिरफ्तार- ऐसा करेंगे तो पढ़ाई कैसे होगी।

शुक्रवार, 11 मार्च 2011

येदियुरप्पा मिले गडकरी से

आईएएस से अमीर हैं आईपीएस- वर्दी की लाज भी तो रखनी है।

थामस मामले में जिम्मेदार अफसरों को मिल रहा है सेफ पैसेज- मारने वाला से बचाने वाला बड़ा होता है।

येदियुरप्पा मिले गडकरी से, अटकलें फिर हुईं तेज- खाली दिमाग शैतान का अटकलें लगाते रहिए।

कांग्रेस असम में ममता को ज्यादा भाव देने के मुड में नहीं- क्योंकि वह बंगाल में पहले हीं बहुत ज्यादा भाव ले चुकी हैं।

दूधों में हो रही मिलावट- ऐसी हीं बाते देश में दूध की नदियां नहीं बहने देती।

नीतिश ने शरद पवार से हिसाब बराबर किया- पहले उधार लिया होगा।

शिवपाल भी खा गए पुलिस की लाठी- यानी नहीं झेल पाए ममता की आंधी।

नाटों के हमले में करजई के चाचा की मौत- यहीं होता शेर पालने का अंजाम

60 साल में भी अंडे दे रही है चिडि़या-21वीं सदी में जो जी रही है

कॅरियर के लिए आयशा लेगी तलाक- परिवार से कॅरियर बड़ा जो है।

सावधान, आप सीवर का पानी पी रहे हैं-हम इतना भोले नहीं सब जानते हैं।

सीबीआई ने मारे देश भर में छापे- सीबीआई अक्सर ऐसी हरकतें करती रहती है।

जबरन कराए हस्ताक्षर - जब मैं मौन व्रत धारण किए हुए था।

नाइट शो देखने के बाद निकलते थे वारदात करने- यानी मनोरंजन को पर्याप्त महत्व देते थे।

बुधवार, 9 मार्च 2011

सरकार ने थामा है गरीबों का हाथ



सरकार ने थामा है गरीबों का हाथ
यानी अब हाथ टूटने में देर नहीं लगेगी
नेताओं, अफसरों और बिचैलिए की तीकड़ी
देखना एक दिन देश को बेंच खाएगी
बस किसी काॅमनवेल्थ गेम आने की देर है
कमीशनखोरों की जेब भर जाएगी।

दर्द से चिल्लाती रही महिला सोए रहे डाॅक्टर

दर्द से चिल्लाती रही महिला सोए रहे डाॅक्टर- डां साहब सोए थोड़े थे निदान में खोए थे।
विधायकों ने दिलायी जंगल राज की याद- क्योंकि दुख के बाद सुख का एहसास बड़ा मधुर होता है।
गंदगी व कुड़े के अंबार से शहरवासी परेशान- क्यों गंदगी अबतक उनकी नियति नहीं बनी है ?
नक्सलियों ने पुजारी को बंधक बनाया- अनुष्ठान कराना होगा।

दूसरी पारी में मंत्री नदारद- पा गए होंगे कोई पदारथ।
टेलीकाॅम कंपनियां खत्म करें झगड़ा - और ऐसे कमाएं मुनाफा तगड़ा।

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

बजट से हैं निराश

बजट से हैं निराश - तो ये लीजिए लालीपाप।
महाराष्ट्र के नांदेड में भूकम्प के झटके- आदर्श से भी बड़ा था क्या ?
विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेगी ममता बनर्जी- मतलब कि सीधे मुख्यमंत्री बनने का इरादा है।
फिल्म देखकर हीं हो गई प्रेंग्नेंट- मतलब की बच्चे चाहने वाले फिल्में देखें
अब सेक्स का ज्ञान देंगी राखी -तो पहले क्या प्रवचन कर रहीं थी।
शादी समारोह में डंडे से पिटाई- लड़के वाले दहेज मांग रहे होंगे।
अब आइटम नंबर से मुझे कोई गुरेज नहीं: सोहा अलीखान। - किसी को नहीं होता बस कुछ लोग नखरे दिखाते हैं।
मेरी तो लग गई नौकरी- फिर क्यों सिनेमा में अभिनय का पार्ट टाईम जाॅब कर रहे हो।
लगातार घट रही है राजधानी के जेलों में कैदियों की संख्या- ठीक तो है अपराध में कमि आ रही है।
ब्रिगेडियर को सेना ने धिक्कारा- अपनों पर किंचड़ उछालना कोई अच्छी बात है।
काले धन पर नए सिरे से अध्ययन होगा- हां रिसर्च करने वालों के लिए यह जरूरी है।
विंडीज की सुनामी में बह गया बांग्लादेश- बचके रहना रे बाबा बचके रहना रे।
भारतीय गेंदबाजों में गहराई हैः ब्रायन - हां प्रदर्शनों में भी दिख रही है।
बांग्लादेश प्रशंसकों ने विंडीज टीम बस पर पत्थर फेंके- आखिर जनता कितना टीम का साथ दे।

गुरुवार, 3 मार्च 2011

यह देश है वीर घोटालेबाजों का

जब भी मैं यह गाना सुनता हूं कि यह यह देश है वीर जवानों का तो मेरा अंग फड़कने लगता है । मैं वीरतापूर्ण कार्यों को खोज में रोड पर चला जाता हूं। दंगा- फसाद होने की संभावना तलाशता हूं। तिल को ताड़ बनाता हूं लेकिन सब बेकार चला जाता है। फिर सोंचता हूं इस देश के लोग इतना कायर कब से हो गए हैं। क्या शांति का वातावरण उन्हें बोर नहीं करता ? क्या लोग मनोरंजन के महत्व को जीवन में भुलते जा रहें हैं। नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें कुछ करना चाहिए वरना मेरी प्रतिभा दबी रह जाएगी । मेरी किंकर्तब्यविमूढ़ता पर राष्ट्र मुझपे थुंकेगा।
आज पूरा देश घोटालामय हो गया है। जहां देखो वहां घोटाला। अलाना घोटाला फलाना घोटाला। घोटालों का इतना प्रकार हो गया है कि उन्हें याद रखने के लिए रट्टा लगाना पड़ रहा है।
मैं अक्सर सोंचता हूं इस देश के लोगोें को घोटालों से इतनी नफरत क्यों है। क्या घोटाला करना बच्चों का खेल है? क्या इसे कमजोर दिल इनसान कर सकता है ? नहीं घोटाला बहादुरी की मांग करता है। इसे शेरे दिल इनसान हीं कर सकता है। शेर घोटाला करता है और सियार हुआऊ-हुआऊं करते हैं ।इस देश में शेरे दिल इनसान कौन है इसे बताकर मैं आपकी प्रतिभा दबाना नहीं चाहता हूं। आप खुद प्रतिभावान हैं। नेताओं से लोग अपनी बेवजह तुलना करते हैं। लेकिन नेताओं जैसे हिम्मत दिखाने में लोगों को अपनी नानी याद आ जाती है। जिसमें रिस्क उठाने की क्षमता नहीं वो क्या खाक तरक्की करेगा।
एक बात मैं आपको बताऊं जब भी मैं यह देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का सुनता हूं तो मेरा रोम-रोम देशभक्ति से सराबोर होने लगता है। आखिर डेढ़ अरफ की फौज जिसकी देख- रेख करने वाली हो उसका कोई बाल बांका कैसे कर सकता है। आप पूछेंगे इस देश में फिर आतंकवादी हमले क्यों होते हैं? घोटाला क्यों होता हैं? तो इसका उत्तर है कि हम इसे होने देते हैं। फिर आप पुछेगें कि हम ऐसा क्यों होने देते हैं? तो इसका उत्तर है कि हम बहुत शरीफ लोग हैं। फिर आप पुछेंगे कि हम इतना शरीफ क्यों हैं ? तो उत्तर है शरीफ बनना हमारी मजबूरी है। फिर लोग पुछेंगे कि शरीफ होना आपकी मजबूरी क्यों है। तो उत्तर है कि हम लुच्चा लफंगा नहीं कहलाना चाहते हैं। इसके बाद भी लोग आपके मुंह लगेंगे। लेकिन इसके बाद आपका उत्तर होना चाहिए कि हम छोटे लोगों के मुंह नहीं लगते इसलि चुप रहो।
हां तो मैं बात कर रहा था देशभक्तों की ।तो सूनिए देश भक्ति चालिसा । काॅमन वेल्थ गेम में लाखो करोड़ का घोटाला हुआ वह भी किसी देश भक्त के जेब में गया है। आदर्श घोटाले ने जो आदर्श रखा वह किसी देश भक्त के चलते हीं हो सका। आज जो सड़क बनती है दूसरे दिन टूट जाती। वह किसी देश भक्त के द्वारा हीं बनायी गई होती है। देशभक्तों के चलते हीं सरकार द्वारा जारी किया गया एक रूपया जनता तक 15 पैसे पहुंचता है। देश भक्तों के हित में हीं दहेज हत्या केस कड़ाई से नहीं लागू हो पाता। देशभक्तों के हीं चैरी, डकैती एवं अपहरण उद्योग फल-फूल रहा है। आखिर देश भक्ति के चलते हीं लाखों -करोड़ो बच्चे काम पाते है। वरना दो कौड़ी पर भी उन्हें कोई नहीं पूछता और लोग बाल श्रम का विरोध करते रह जाते। देश भक्तों का हीं पैसा स्विस बैंक में जमा होता है। ताकि आड़े समय में देश के काम आ सके। इन दिनों लोग काला धन को देश में वापस लाने के लिए लामबंद हो रहे हैं। रामदेव जी तो देश की प्रतिष्ठा को खाक में मिलाने पर तुले हुए हैं। क्या वे नहीं चाहते कि देश अपने काल धन के लिए संपूर्ण विश्व में जाना जाए। आखिर ये लोग क्यों नहीं समझते की स्विस बैंक में पैसा जमा होने से देश का मान बढ़ता है। हम सीना तान कर दुनिया वालों से कह पाते हैं कि देश गरीब नहीं हैै बल्कि देश के पास इतना पैसा है कि उसे रखने लिए देश में रखने की जगह नहीं है।
ऐसा नहीं देश भक्तों की बाढ़ आज हीं आई हो । पहले भी कुछ देश भक्तों के चलते देश गुलाम रहा। ऐसे हीं देशभक्तों के चलते अंगेज अफसरों ने अपनी और कुछ देश भक्तों की तिजोरियां भरीं।
इसके आलावे भी बहुत से देश भक्त हैं जो अपने-अपने ढंग से देश की सेवा करते हैं जैसे चरस बेंचकर , हेरोइन बेंचकर और कालाबाजारी करके आदि।

बुधवार, 2 मार्च 2011

थाॅमस रहेंगे या जाएंगे

थाॅमस रहेंगे या जाएंगे- टीवी वाले बाबाओं से पुछ लीजिए।
वल्र्ड कप का सबसे बड़ा उलट फेर - वल्र्ड कप कोई पहले हीं जीत गया क्या?
तिहाड़ में भी कायम है राजा की शान- भाई राजा तो जहां रहेगा राज हीं करेगा न।
सरकार की तरह प्रधानमंत्री भी फेल- नकल नहीं करेंगे तो क्या होगा।
जेपीसी दूर करेगी करप्शन- हां जेपीसी का ट्रैक रिकार्ड बहुत अच्छा रहा है।