दीपावाली पर हर वड्र्ढ हम अपने घर की सफाई करते हैं। दीप जलाते है। लक्ष्मी-गणेष की पूजा द्वारा धन की देवी लक्ष्मी की कामना करते है। पर क्या इससे हमारे जीवन से अधेंरा मिट जाता है? क्या हमारे घर में सुख- समृद्धि आ जाती है? नहीं न । तो इसका अर्थ है कि हमारी पूजा में कुछ कमी रह गई है। क्योंकि ऐसा नहीं कि जो हम साफ-सफाई पूजा -पाठ करते है उसका कोई महत्व नहीं है। इसका महत्व है लेकिन इस दौरान हमारा सारा ध्यान बाहरी साफ- सफाई पर केन्द्रित रहता है। अन्दर की सफाई को हम भूल जाते है। अन्दर का देवता कहीं उपेक्षित रह जाता है। उसकी पूजा को हम भूल जाते है। उसे हम नहीं पहचान पाते। उसकी सामथ्र्य को हम नहीं जान पाते। हम यह नहीं पता है कि बाहर के सारे देवता इसी अन्दर के देवता से हीं षक्ति पाते है। हम यह नहीं समझ पाते कि यहीं आत्मदेव उन मूत्र्तियों में प्रतिबिम्बित होता है। जो हमारे पास है खजाना है उसको हम नहीं जानते है। और धन दौलत की खोज में हम दर-दर की ठोकर खाते है। नाना प्रकार उपाय करते हैं। लेकिन फिर भी खाली के खाली रहते है। अभाव का भाव हमारे अन्दर घर कर जाता है। अभाव का भाव अभाव को जन्म देता है। आओ अपने संकल्प के बल को पहचाने। उसकी महिमा को जाने। संकल्प सर्व समर्थवान है। संकल्प ईष्वर का हीं रूप है। इसी संकल्प का बाहरी सुख-सुविधा दासी है। आओ इस बार की दीवाली में हम ज्ञान के दीप जला दें। यानी अपने आत्मदेव को पहचान लें। फिर हमारे जीवन के कष्ट अपने आप मिटने लगेगें। हममे सकरात्मकता अपने आप आ जाएगी। फिर हमें ग्लास आधा खाली नहीं आधा भरा हुआ दिखाई देगा। फिर हम निर्धन नहीं धनवान दिखाई देंगे। इस प्रकार जो समृद्धि आयेगी वह सबके हित में होगी।
मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011
आओ ज्ञान के दीप जलाएं
दीपावाली पर हर वड्र्ढ हम अपने घर की सफाई करते हैं। दीप जलाते है। लक्ष्मी-गणेष की पूजा द्वारा धन की देवी लक्ष्मी की कामना करते है। पर क्या इससे हमारे जीवन से अधेंरा मिट जाता है? क्या हमारे घर में सुख- समृद्धि आ जाती है? नहीं न । तो इसका अर्थ है कि हमारी पूजा में कुछ कमी रह गई है। क्योंकि ऐसा नहीं कि जो हम साफ-सफाई पूजा -पाठ करते है उसका कोई महत्व नहीं है। इसका महत्व है लेकिन इस दौरान हमारा सारा ध्यान बाहरी साफ- सफाई पर केन्द्रित रहता है। अन्दर की सफाई को हम भूल जाते है। अन्दर का देवता कहीं उपेक्षित रह जाता है। उसकी पूजा को हम भूल जाते है। उसे हम नहीं पहचान पाते। उसकी सामथ्र्य को हम नहीं जान पाते। हम यह नहीं पता है कि बाहर के सारे देवता इसी अन्दर के देवता से हीं षक्ति पाते है। हम यह नहीं समझ पाते कि यहीं आत्मदेव उन मूत्र्तियों में प्रतिबिम्बित होता है। जो हमारे पास है खजाना है उसको हम नहीं जानते है। और धन दौलत की खोज में हम दर-दर की ठोकर खाते है। नाना प्रकार उपाय करते हैं। लेकिन फिर भी खाली के खाली रहते है। अभाव का भाव हमारे अन्दर घर कर जाता है। अभाव का भाव अभाव को जन्म देता है। आओ अपने संकल्प के बल को पहचाने। उसकी महिमा को जाने। संकल्प सर्व समर्थवान है। संकल्प ईष्वर का हीं रूप है। इसी संकल्प का बाहरी सुख-सुविधा दासी है। आओ इस बार की दीवाली में हम ज्ञान के दीप जला दें। यानी अपने आत्मदेव को पहचान लें। फिर हमारे जीवन के कष्ट अपने आप मिटने लगेगें। हममे सकरात्मकता अपने आप आ जाएगी। फिर हमें ग्लास आधा खाली नहीं आधा भरा हुआ दिखाई देगा। फिर हम निर्धन नहीं धनवान दिखाई देंगे। इस प्रकार जो समृद्धि आयेगी वह सबके हित में होगी।
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deepawali ki hardik shubhkamnaye
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमाटी के दीपक छोडो, मन के दीप जलाओ.
जवाब देंहटाएंअंतर मन जागृत कर, उजियाला फैलाओ.
शुभ-दीपावली.
आनन्द विश्वास
सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआप को भी दीपों के इस पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें।
*दीवाली *गोवर्धनपूजा *भाईदूज *बधाइयां ! मंगलकामनाएं !
ईश्वर ; आपको तथा आपके परिवारजनों को ,तथा मित्रों को ढेर सारी खुशियाँ दे.
माता लक्ष्मी , आपको धन-धान्य से खुश रखे .
यही मंगलकामना मैं और मेरा परिवार आपके लिए करता है!!
पोस्ट अच्छी है मगर ब्लॉग के नाम से मैच नहीं करती।
जवाब देंहटाएंबाहर के सारे देवता इसी अन्दर के देवता से हीं षक्ति पाते है। हम यह नहीं समझ पाते कि यहीं आत्मदेव उन मूत्र्तियों में प्रतिबिम्बित होता है।
जवाब देंहटाएंक्या बात है ...
जिसने आत्मशुद्धि कर सारे दीप वहीँ जल उठे ....
बहुत अच्छी बात कही आपने गोपाल जी ...
आमीन ....
आपका पोस्ट अच्छा लगा । .मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआपका पोस्ट अच्छा लगने के साथ-साथ सराहनीय भी है । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंsundar bhav....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति , आभार.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट बेहद पसंद आई! आपको शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएं"मुद्दों पर आधारित स्वस्थ बहस के लिए हमारे ब्लॉग
http://tv100news4u.blogspot.com/
पर आपका स्वागत है!