अब फटा पेट्ोल बम- तभी तो दाम बढ़ाकर सरकार कर रही है लोगों का गम कम।
अब तो पाई-पाई का हिसाब रखना पड़ेगा- इतनी कृपणता किस लिए।
पेट्ोल ने पाॅकेट में लगाई आग- फिर तो दाम बढ़ाकर सरकार ने ठीक हीं किया।
काम पर लौट आईं सोनिया- वरना अनुषासनात्मक कार्रवाई हो
सकती थी।
महंगाई तेरे कितने नाम- सचमुच भूल गया भगवान।
कई मंत्री दो साल में गरीब- मतलब देष की तरक्की करने की बात मात्र छलावा है/ क्या देष इसी तरह तरक्की कर रहा है।
अब तो पाई-पाई का हिसाब रखना पड़ेगा- इतनी कृपणता किस लिए।
पेट्ोल ने पाॅकेट में लगाई आग- फिर तो दाम बढ़ाकर सरकार ने ठीक हीं किया।
काम पर लौट आईं सोनिया- वरना अनुषासनात्मक कार्रवाई हो
सकती थी।
महंगाई तेरे कितने नाम- सचमुच भूल गया भगवान।
कई मंत्री दो साल में गरीब- मतलब देष की तरक्की करने की बात मात्र छलावा है/ क्या देष इसी तरह तरक्की कर रहा है।
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