रविवार, 18 सितंबर 2011

बेटा पापा पर नजर रखना

बेटा पापा पर नजर रखना
अन्ना के आंदोलन ने देष पर उतना प्रभाव नहीं छोड़ा था जितना सज्जन सिंह जी की षादी ने छोड़ा है। सज्जन सिंह की षादी के बाद देष में गृह युद्ध होना लाजीमी था। भारतीय परिवार आज सज्जन सिंह की बगावत का सामना कर रहे हैं। सबकुछ अन्दर- अन्दर चल रहा है। कहीं बगावट की षुगबुगाहट है तो कहीं उसको नियंत्रित करने के उपाय सोचे जा रहे हैं। तोड़ फोड़ की संभावनाएं तलाषते हुए जगह जगह घर फोड़ दल के सदस्य भी घुम रहे हैं। लफुआ एंड कम्पनी भी आग में घी डालने का मौका तलाष रही है और चटखारे लेकर चर्चा में मषगूल है। टीवी वाले अन्ना हजारे से पूछ रहे हैं कि सज्जन की षादी का प्रभाव क्या आपके अनषन से कम रहा। माताएं बेटे को हिदायत दे रहीं बेटे अपने पापा पे थोड़ी नजर रखना। इन दिनों वे बड़ी बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं। माल में सनेमा देखने जा रहे हैं। अगर तुम मिल जाओ जमाना छोड़ देंगे गा रहे हैं। फेसबुक पर घंटों बिता रहे हंै। ये सब टीवी देखने का नतीजा है। बेटा अगर तुमने परिवार के सदस्यों को टीवी देखने से नहीं रोका तो बगावत के स्वर और सुनाई देगंे। बेटा अपने पापा के टीवी देखने पर एकदम रोक लगा देना। क्योंकि वे चटखारे लेकर सज्जन सिंह को देखते हैं फिर मुझे निरेखते हैं। वैसे मैंने अपनी योजना बना ली है। धारा 144 लागू कर दिया गया है। यानी उन्हें किसी नारी के साथ देखे जाने पर लाठी चार्ज का आदेष दे दिया गया है। मैने सोच लिया है कि अगर मेरे पति ने बगावत की तो उस सज्जनवा को छोड़ूंगी नहीं। यह सब ऊ बुढवा सज्जनवा के चलते हो रहा है नही ंतो मेरा मरद ऐसा नहीं था। गाली को भी चुपचाप सहन कर जाता था। लेकिन सज्जनवा के षादी करते हीं वह तन कर चलने लगा है। वैसे तुम चिंता न करो मैंने उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पूरा जाल बिछा दिया। तुम्हारें मामा एवं मामी को खुफिया विभाग का हेड बनाई हूं। समय-समय पर मैं खुद उच्चस्तरीय बैठक कर आवष्यक दिषा र्निदेष दे रही हूं। मैंने बेटे और नाती पोते को भी बुला लिया लिया है ताकि तुम्हारे पिता को बुढ़ापे एहसास होता रहे । वे नानाजी दादाजी कहेंगे तो उन्हें एहसास होगा कि वे जवान नहीं रहे।
इसके अलावे तुम्हारे पिताजी पर निगरानी रखने के लिए पाइवेट डिटेक्टिव भी मदद ले रही हूं। सबके सब अपने-अपने ढंग से चैबीसों घंटे निगरानी रख रहे हैं।
बेटा तुम तो जानते हो मेरी चिंता का कारण मेरे एवं उनके बीच कई वड्र्ढों से जारी षीत युद्ध है। कहीं ऐसा न हो उचित समय देखकर विरोध का बिगूल फंूक दें। और हमसब मुंह ताकते रह जाएं।
बेटे अगर उन्होंने सज्जन सिंह की तरह षादी रचा ली तुम सब को घर से निकलना मुष्किल हो जाएगा और मुझे षौतन से निपटना कठीन हो जाएगा। तख्ता पलट रोकने के लिए जरूरी कदम उठाना आवष्यक है। कारण कि नई सरकार के गठन के बाद कैसा फेर बदल होगा यह कहना मुष्किल है। किसको देष निकालने की सजा सुनाई जाएगी। किसको युवराज पद मिलेगा यह कहना एकदम जल्दीबाजी होगी। कुछ भी हो सज्जन सिंह के बगावत को रोकना होगा बेटा।

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