भ्रष्टाचार मतलब हाई ब्लड प्रेषर
कुछ लोगों की नजर में देष की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है जबकि मेरी नजर में भ्रष्टाचार देष की सबसे बड़ी समस्या न होकर यह तो एक लक्षण है असली समस्या है हाई ब्लड़ प्रेषर है। दरअसल दृष्टिदोड्ढ के कारण कुछ लोगों को हर ओर भ्रष्टाचार हीं भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है। तुलसी बाबा कह गये हैं कि जाकि रही भावना जैसी हरी मूरत देखी वह तैसी। अगर ऐसी बात नहीं होती तो सरकार को भी भ्रष्टाचार दिखाई देता केवल अन्ना हजारे एवं अरविन्द केजरीवाल को हीं नहीं दिखाई देता। जो जिस वातावरण में रहता है। उसी प्रकार उसकी भावना होती है। इसका मतलब है कि हमारे सांसद पवित्र एवं सात्विक माहौल में रह रहे है। एवं अन्ना हजारे की टीम इसके विपरीत माहौल में । यह तार्किक निष्कड्र्ढ है किसी को बुरा मानने कि बात नहीं है। दूसरी बात कि मन षांत रहने पर सबकुछ ठीक-ठाक लगता है लेकिन ब्लड़ प्रेषर हाई रहने पर मन बेचैन रहता है और थोड़ी सी समस्या भी भयावह लगती है। अन्ना एण्ड कंपनी की यहीं समस्या है। मेरा तो षुरू से मानना अन्ना एण्ड कम्पनी का ब्लड़ प्रेषर सामान्य नहीं है। वर्ना भ्रष्टाचार जैसी छोटी समस्या पर वो इतना हो हल्ला नहीं करते। हाई ब्लड प्रेषर के चलते हीं देष में व्याप्त थोड़े से भ्रष्टाचार को वे लोग पहाड़ बनाए हुए हैं। दूसरी ओर सरकार का ब्लड प्रेषर नार्मल है। कारण कि अन्ना की टीम के इतना हो हल्ला करने के बावजूद सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंगती दिखी। धैर्य इसे कहते हंै। एक दिन नहीं दो दिन नहीं अन्नाजी को 12-13 अनषन करना पड़ा। अपने इसी गुण के ये लोग सरकार चला रहे हैं। एवं अन्नाजी अनषन कर रहे हैं। और हो-हल्ला करने वाले सरकार के बाहर हैं। योग गुरू बाबा रामदेव की टीम का भी ब्लड़ प्रेषर चेक करवाया जाना चाहिए। योग करने से क्या हो जाता है। उनके विरोधियों का तो यहां तक कहना है कि बाबाश्री मंच पर जो उछल कुद करते हैं वह इसी वजह से करते हैं। आष्चर्य देखीए कि योगा सीखाने वाले में अधैर्य आ गया और सीखने वाले में धैर्य। यानी गुरू गुड़ रह गया और चेला चीनी हो गया। योग सीखकर षिष्यों ने गुरू पर रामलीला मैदान में पूरे धैर्यपूवर्वक डंडे बरसाये। और गुरू को तंबू के नीचे छूपना पड़ा। योगा सीखाने से राजनीति थोड़े आ जाती है। दांव-पेंच थोड़े आ जाता है। दूसरी बात कि योगी को माया मोह में पड़ने कि क्या आवष्यकता है। माया में पड़ने पर तो कींचड़ तो लगेंगे हीं न। योगी का संबल धैर्य होता है। इतने छोट से मुद्दे पर रामलीला मैदान में इतना हो हल्ला करके बाबाश्री ने यह साबित कर दिया कि उनमें धैर्य बिल्कुल नहीं है।
मेरा मानना है कि लोकपाल या लोकायुक्त के नियुक्ति से देष से भष्टाचार दूर नहीं होने वाला बल्कि भ्रष्टाचार दूर करने के लिए हाई ब्लड प्रेषर का टीका विकसित किया जाना चाहिए। मेरा ट्ांसपरेंसी इन्टरनेषनल से कहना चाहूंगा कि वे सर्वाधिक भ्रष्ट और सबसे कम भ्रष्ट देषों की सूची जारी करके अपना समय जाया न करें बल्कि ये बताएं कि किस देष में सर्वाधिक हाई ब्लड़ के लोग हैं। क्योंकि हाई ब्लड़ प्रेषर के लोग हीं भ्रष्टाचार पर हो हल्ला मचाते हैं।
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