शुक्रवार, 20 मई 2011

क्यों उबल रहा है किसान

क्यों उबल रहा है किसान
क्या निकला नहीं अभी उसका पिसान
जबकी पहुंच गए कितने षमसान
सुना है
फिक्सिंग-फिक्सिंग खेल रहें हैं राहुल और माया
और दोनो ने है बात बढ़ाया
वरना राजनाथ आते जाते थे
गिरफ््तारी दे आते थे
बात को न बढ़ाते थे
किसान गोली खाते थे
और घर से भाग जाते थे
पुलिसवाले गरियाते थे
किसान सुनकर चुपचाप सो जाते थे
राहुल की तरह तने नहीं
स्कूटर पर चढ़कर बने नहीं
कहते हैं राहुल ने किसानों का मान बढाया
डटकर हक के लिए लड़ना सिखाया
माया को पसीना आया
उसने तुरंत फरमाया
राहुल की पार्टी में कोई नहीं सुनता
जब पार्टी में उनका दाल नहीं गलता
यूपी में आकर है मान बढ़ता
सोनिया और मनमोहन से केवल उनका बनता
सोनिया- मनमोहन तो कांग्रेस के छोटे नेता हैं
उनकी बात तो पार्टी का कार्यकर्ता भी नहीं सुनता हैं
बताओ सोनियां-मनमोहन हों जिसके गुरू
तो चेला तो उलूल जूलूल हीं करी
भला तूम्हारा क्या काम कराएंगे
जनता दरबार लगाएंगे
मेरे खिलाफ भड़काएं
मेरे प्यारे किसान
अभी तो केवल तेरा निकला है पिसान
क्यों नेताओं के बात मे है तू आया
अपने गौरवषाली इतिहास को है भुलाया
भला कब तुमने है अपना हक पाया
अबतक तो है भूखे पेट वंषी बजाया
बताओ किसने है तुम्हें भरमया
भला कौन तुूम्हें तेरा हक बताया
किसने कहा कि सरकार ने तुम्हें सताया
किसानों को अपना हक मांगना जुलूम हो गया
पुलिस के साथ दंगल हो गया
नेताओं के घर मंगल हो गया
हाय किसी पर नहीं आई उनको दाया
अपनी जमीन देकर जब हांथ कटाया
राहूल ने आस जगाया
तुम मुझे राज दो मैं तुम्हारा साथ दूंगा
बाद में मैं तेरे बीच राज-पाट बांट दूंगा
क्योंकि अभी तक मैने परिवार नहीं बसाया
ये उन्होंने दिगृविजय से कहलवाया
फिर दिग्गी दादाने फरमाया
न समझो राहुलजी आएं हैं फोटो खिंचाने
वो आएं हैं राजभट्टा को सिंगूर बनाने

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें