उनसे हमको गिला नहीं
जिनको अबतक कुछ मिला नहीं
पर उनसे हम नाराज है
जो अकेले हीं आबाद हैं
राजनीति में जो कंगाल हैं
अब तक जो फटेहाल हैं
हाथ मलते रह गए बेचारे
पर दाल उनका गला नहीं
उनसे मेरा दिल जला नहीं
अहसान मानूंगा न मैं
जब मेरा भी सत्कार हो
मेरे गले में हार हो
दारू का कारोबार हो
और तूने मुझको अबतक
एक पाई दिया नहीं
मेरा घर अबतक बना किला नहीं
तेरे दरवाजे पर अबतक हमने
चायपानी तक किया नहीं
क्या समझते हों
अकेले खाओगे तो हम आपका गुन गाएंगे
और जुबान नहीं चलाएंगे
जुबान मैंने बंद किया नहीं
क्योंकि पोकेट तुमने मेरा गर्म किया नहीं
जेल हीं जाओगे जब अकेले खाओगे
मेरी दुआ न पाओगे
क्योंकि मालोमाल मुझको किया नहीं
मुफ्त की रोटियां तोड़ना चाहते हो अकेले
कार्य संस्कृति बदलना चाहते हो अकेले
तिजोरियां भरना चाहते हो अकेले
मिल बांटकर खाने वाला
भाईचारा अब तो रहा नहीं।
जिनको अबतक कुछ मिला नहीं
पर उनसे हम नाराज है
जो अकेले हीं आबाद हैं
राजनीति में जो कंगाल हैं
अब तक जो फटेहाल हैं
हाथ मलते रह गए बेचारे
पर दाल उनका गला नहीं
उनसे मेरा दिल जला नहीं
अहसान मानूंगा न मैं
जब मेरा भी सत्कार हो
मेरे गले में हार हो
दारू का कारोबार हो
और तूने मुझको अबतक
एक पाई दिया नहीं
मेरा घर अबतक बना किला नहीं
तेरे दरवाजे पर अबतक हमने
चायपानी तक किया नहीं
क्या समझते हों
अकेले खाओगे तो हम आपका गुन गाएंगे
और जुबान नहीं चलाएंगे
जुबान मैंने बंद किया नहीं
क्योंकि पोकेट तुमने मेरा गर्म किया नहीं
जेल हीं जाओगे जब अकेले खाओगे
मेरी दुआ न पाओगे
क्योंकि मालोमाल मुझको किया नहीं
मुफ्त की रोटियां तोड़ना चाहते हो अकेले
कार्य संस्कृति बदलना चाहते हो अकेले
तिजोरियां भरना चाहते हो अकेले
मिल बांटकर खाने वाला
भाईचारा अब तो रहा नहीं।
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