देष अपना है
सरकार अपनी है
नेता अपने हैं
भ्रष्ट्राचार सपना
कोरी कल्पना है
लोकपाल बकवास है
इसे लागू करना
लोकतंत्र का उपहास है
अज्ञानजनित द्वन्द है
हर कोई स्वच्छन्द है।
नेताओं की मौज है
बेरोजगारों की फौज है
पैसा भगवान है।
बिक रहा ईमान है।
कुतों का मान है
गया-गुजरा इनसान है
फलफूल रहा जयचंद्र हैं।
चैहान के लिए दरवाजे सारे बन्द है
इंडिया खूब षायनींग कर रहा है
चन्द लोगों की तिजोरियां भर रहा है
पर भारत कंगाल है।
जनता लाचार है
देष की आत्मा गावों में बसती है मगर
बस वहां भूख का साम्राज्य है।
बिचौलियों का राज्य है।
पाक के साथ षिष्ट्राचार है।
कसाब बना मेहमान है।
सरकार अपनी है
नेता अपने हैं
भ्रष्ट्राचार सपना
कोरी कल्पना है
लोकपाल बकवास है
इसे लागू करना
लोकतंत्र का उपहास है
अज्ञानजनित द्वन्द है
हर कोई स्वच्छन्द है।
नेताओं की मौज है
बेरोजगारों की फौज है
पैसा भगवान है।
बिक रहा ईमान है।
कुतों का मान है
गया-गुजरा इनसान है
फलफूल रहा जयचंद्र हैं।
चैहान के लिए दरवाजे सारे बन्द है
इंडिया खूब षायनींग कर रहा है
चन्द लोगों की तिजोरियां भर रहा है
पर भारत कंगाल है।
जनता लाचार है
देष की आत्मा गावों में बसती है मगर
बस वहां भूख का साम्राज्य है।
बिचौलियों का राज्य है।
पाक के साथ षिष्ट्राचार है।
कसाब बना मेहमान है।
आपका पोस्ट रोचक लगा । मेरे नए पोस्ट नकेनवाद पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस सुन्दर प्रस्तुति पर हमारी बधाई ||
जवाब देंहटाएंterahsatrah.blogspot.com
सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई
जवाब देंहटाएंतीखी टिप्पणी वर्तमान पर....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
सुन्दर प्रस्तुति|धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंak majedar prastuti ... badhai tiwari ji .
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