यौवन में नहाया हुआ तुम्हारा ये गुलाबी बदन
प्यार बरसाता हुआ तुम्हारा ये षराबी नयन
उसपे चले जब वासंती पवन
फिर सुने कोई जब चुडि़यों की खनक।
क्या काफी नहीं है बताओ तुम्हीं
दिल पे बिजली गिराने के लिए ये सितम।
प्यार बरसाता हुआ तुम्हारा ये षराबी नयन
उसपे चले जब वासंती पवन
फिर सुने कोई जब चुडि़यों की खनक।
क्या काफी नहीं है बताओ तुम्हीं
दिल पे बिजली गिराने के लिए ये सितम।
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