भ्रष्ट्राचार आज आचार बन गया है।
नेताओं का षिष्टाचार बन गया है।
दिन-दुनी रात चैगुनी उन्नति का आधार बन गया है।
जाने क्यों अन्ना इसके खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं।
जबकि लाखों बेरोजगारों का यह रोजगार बन गया है।
नेताओं का षिष्टाचार बन गया है।
दिन-दुनी रात चैगुनी उन्नति का आधार बन गया है।
जाने क्यों अन्ना इसके खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं।
जबकि लाखों बेरोजगारों का यह रोजगार बन गया है।
जागृति लाने वाले व्यंग को सलाम।
जवाब देंहटाएंजबकि लाखों बेरोजगारों का यह रोजगार बन गया है।---यही सच है...
जवाब देंहटाएंआपने सच कहा है, व्यंग रचना के लिए आपको आभार।
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचारी कह रहें हैं
जवाब देंहटाएंअभी भी संभल जाओ अन्ना,बन जाने दो हमें भी सेठ धन्ना.
आपका क्या चला जायेगा जी,आप भी चूस लीजियेगा न गन्ना.
sabka apna apna khel hai
जवाब देंहटाएंjane kaise kisso ka mel hai...