शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

राहुल आप कहीं मत जाइए।

मेरा कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से से कहना है कि वो कहीं न जाएं। कारण कि आपके कहीे जाने से आपके अपनो को दुख होता है । किसी को दुख पहुंचाना कहां की मानवता है। हां आप घर पर बैठे -बैठे बोर हो सकते हैं तो कहीं देश-विदेश की सैर कर आएं। नहीं तो उत्तर प्रदेश के सिवा कहीं और चले जाएं। कारण कि आप उत्तर प्रदेश में जाॅगिंग करके अपना तो सेहत सुधार लेते हैं। लेकिन कईयों का दिनचर्या खराब कर देते हैं। आपके बन्धु -बान्धव यानी नेता रात-दिन जाग-जागकर पता करते रहते हैं कि आप कहां हैं और क्या कर रहे हैं।

मैं आपसे से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। क्या आप चाहते हैं कि देश में हाई ब्लड़ प्रेशर की संख्या ज्यादा हो । शायद आपका जवाब होगा नहीं। तो आप अपना उत्तर प्रदेश का दौरा बंद कर दीजिए। आप उत्तर प्रदेश में चुनाव संपन्न हो जाने तक तो नहीं हीं जाइए। नही तो यकीन मानीए जनता का ब्लड प्रेशर भले न बढ़े। आपके विरोधियों का ब्लड प्रेशर जरूर बढ़ जाएगा। फिर तो आप जानते हैं कि ब्लड प्रेशर बढने पर क्रोध ज्यादा आता है जो अंततः जनता पर हीं उतरता है। जैसी कि रामलीला मैदान में उतरा। क्योंकि भईया पुलिस तो नेताओं के पास हीं है न।
जब आपके विरोधी नहीं चाहते कि आप किसी जरूरत मंद की सहायता करें तो आपको क्या पड़ी है। क्या किसी बीमार को एम्स जाकर देखना आपको शोभा देता है। भला डाॅक्टर क्या समझेंगे कि इतना बड़ा नेता होकर किसको देखने चला आया।
सुना है कि आप रास्ते में जाते वक्त किसी घायल को पाते हैं तो अपनी गाड़ी से उसे अस्पताल पहुंचाते हैं। यहीं नहीं गाडी रोकवाकर आप किसी ढाबे पर चाय पीने लगते हैं। किसी गरीब के घर खाना खाने बैठ जाते हैं। क्या आपका यहीं स्तर रह गया है। आपसे लोगों की यह उम्मीद नहीं थी।
विरोधी दल वाले आपके स्तर को उंचा देखना चाहते हैं जैसे आप केवल उड़न खटोला में उड़ें। जनता को आपका दर्शन हीं दुर्लभ हो जाए। जैसे और बडे नेताओं का जनता का दर्शन दुर्लभ हो जाता है। वे केवल टीवी पर दिखाई देते हैं या चुनाव के वक्त। अभी चुनाव नहीं आया है अभी से गली-गली खाक छानना कहां की समझदारी है।
अब पद या़त्रा शुरू करके एक नया बखेड़ा शुरू कर दिए हैं। आपके देखा-देखी दूसरों को भी ऐसा करना पड़ेगा। आप आगे ले जाने की जगह देश को पीछे ले जाने पर तुले हुए हैं। पहले के जमाने में लोगों के पास घोड़ा-गाड़ी नहीं होता था। इसलिए लोग पदयात्रा करते थे आखिर आपको किस चीज की कमी है कि आप पद यात्रा कर रहे हैं। ऐसा करके आप तो देश के लाखों नेताओं के रूतबे को हीं कम कर देंगे। जब राजनीति में आकर पैदल हीं चलना पड़ेगा तो लोग काहे को राजनीति में आने के लिए अपना सबकुछ दाव पर लगाएंगे।

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